वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज ने यस बैंक की रेटिंग में सुधार किया है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज ने संकटों से जूझ रहे इस निजी बैंक की रेटिंग को एक पायदान बढ़ा दिया है. हाल ही में यस बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये का सफल FPO ( एफपीओ ) पेश किया था, जिसकी वजह से इसकी रेटिंग में सुधार किया गया है.
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज का मानना है कि इस कदम के बाद बैंक अपनी खोई साख वापस पाने में और Liquidity संकट से उबरने में सफल हो सकता है. यस बैंक की रेटिंग अब B3 की है, जो पहले Caal की थी. यह अधिक उच्च वाली श्रेणियों में सुधार दर्शाता है. सोमवार को जारी रिपोर्ट में वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज ने कहा, फंड जुटाने में सफलता दर्शाती है कि बाजार को बैंक पर आत्मविश्वास बढ़ेगा और इससे इसकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और जमाकर्ताओं का भरोसा बढ़ेगा." बीते सप्ताह यस बैंक ने $2 अरब का फंड जुटाया था. बैंक की पूंजी स्थिति अब प्रतिद्वंद्वी की तुलना में ठीक नजर आ रही है. जून 2020 के बाद पूंजी विस्तार के बाद बैंक की कॉमन इक्विटी टियर 1 अनुपात, 6.6 फीसदी से दोगुना होकर 13.4 फीसदी तक पहुंच गया है.
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज का मानना है कि इस कदम के बाद बैंक अपनी खोई साख वापस पाने में और Liquidity संकट से उबरने में सफल हो सकता है. यस बैंक की रेटिंग अब B3 की है, जो पहले Caal की थी. यह अधिक उच्च वाली श्रेणियों में सुधार दर्शाता है. सोमवार को जारी रिपोर्ट में वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज ने कहा, फंड जुटाने में सफलता दर्शाती है कि बाजार को बैंक पर आत्मविश्वास बढ़ेगा और इससे इसकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और जमाकर्ताओं का भरोसा बढ़ेगा." बीते सप्ताह यस बैंक ने $2 अरब का फंड जुटाया था. बैंक की पूंजी स्थिति अब प्रतिद्वंद्वी की तुलना में ठीक नजर आ रही है. जून 2020 के बाद पूंजी विस्तार के बाद बैंक की कॉमन इक्विटी टियर 1 अनुपात, 6.6 फीसदी से दोगुना होकर 13.4 फीसदी तक पहुंच गया है.
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज ने कहा कि बैंको के तमाम अनुपातों में सुधार के चलते इसके एसेट क्वालिटी जोखिम बेहतर होंगे, जो मौजूदा आर्थिक हालातों के चलते पैदा हुए थे. जून तिमाही में बैंक लिक्विडिटी कवरेज अनुपात (एलसीआर) तीन गुना बढ़कर 114 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो मार्च तिमाही में 40 प्रतिशत था. हालांकि, बैंक एसेट क्वालिटी में गिरावट से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. लोन मोरेटोरियम हटने के बाद बैंकिंग इंडस्ट्री पर दबाव बढ़ सकता है,
जिसमे यस बैंक भी अछूता नहीं है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज का भी मानना है कि Corona-19 वायरस महामारी की वजह से यस बैंक की एसेट क्वालिटी पर दबाव बढ़ सकता है. अप्रैल मध्य तक यस बैंक का 40 से 45 प्रतिशत कर्ज मोरेटोरियम के दायरे में था. यदि इस स्तर में और अधिक वृद्धि होती है, तो इससे बैंक की एसेट क्वालिटी के साथ-साथ मुनाफा क्षमता पर भी दबाव बढ़ेगा.
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