निफ्टी 50 इंडेक्स में लोअर सर्किट कब लगता है ?
निफ्टी 50 इंडेक्स भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक है. इसे निवेशकों का सूचकांक माना जाता है, जबकि बीएसई सेंसेक्स को कारोबारियों के सूचकांक के रूप में देखा जाता है.निफ्टी 50 इंडेक्स पर 50 कंपनियां मौजूदा हैं. बाजार पूंजीकरण के आधार पर ये शीर्ष कंपनियां मानी जाती हैं. निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल कंपनियों की समीक्षा हर छह महीने में की जाती है. फिर कुछ शेयरों को हटाने और कुछ को शामिल करने का फैसला लिया जाता है.
निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल शेयरों में लोअर सर्किट नहीं लगता है, क्योंकि ये बेंचमार्क इंडेक्स पर शामिल शेयर Derivatives segment के होते हैं. मगर एकाएक तेजी आने पर कामकाज पर ब्रेक लग सकता है. हालांकि, पूरे इंडेक्स में लोअर सर्किट लगने के मौके बहुत कम आते हैं.
1. निफ्टी 50 इंडेक्स में लोअर सर्किट कब लगता है?
निफ्टी 50 इंडेक्स में बड़ी गिरावट आने पर स्वत: शेयर बाजार के कारोबार पर रोक लग जाती है. जिस स्तर पर शेयर बाजार के कारोबार रुकता है, उसे लोअर सर्किट कहा जाता है. यह कारोबारी सत्र के दौरान कभी भी लग सकता है. यह बाजार में उतार-चढ़ाव को काबू में करने का काम करता है.
2. निफ्टी 50 इंडेक्स पर लोअर सर्किट के कितने चरण हैं ? निफ्टी 50 इंडेक्स पर आधारित लोअर सर्किट पूरे बाजार पर लागू होता है. इसके तीन चरण होते हैं. यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है. यह सर्किट लगने पर इक्विटी और Equity derivatives कारोबार रुक जाता है. एक इंडेक्स पर लोअर सर्किट लगने पर दूसरे पर सर्किट स्वत: ही लागू हो जाता है.
3. कितनी देर के लिए रुकता है कारोबार ?
3. यदि 10 फीसदी का सर्किट नियमयदि 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए शेयर बाजार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक शेयर बाजार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन Session होता है.
4. यदि 10 फीसदी का लोअर सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो शेयर बाजार 30 मिनट के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 15 मिनट तक शेयर बाजार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो शेयर बाजार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक जारी रहता है.
5. 15 फीसदी का लोअर सर्किट नियम यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए शेयर बाजार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक शेयर बाजार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
6. यदि 15 फीसदी का लोअर सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो शेयर बाजार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक शेयर बाजार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो शेयर बाजार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक रुका रहता है.
7. 20 फीसदी का लोअर सर्किट नियम यदि शेयर बाजार में प्रमुख सूचकांक पूरे दिन में कभी भी 20 फीसदी तक लोअर सर्किट लगता है, तो शेयर बाजार को पूरे दिन के लिए रोक दिया जाता है और फिर शेयर बाजार अगले सत्र में ही शुरू होता है.
8. शेयर बाजार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है ? सर्किट लगने पर शेयर बाजार रुक जाता है. जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है. इसके बाद सामान्य शेयर बाजार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत तक जारी रहता है.
9. लोअर सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है ? लोअर सर्किट के स्तर स्टॉक exchange द्वारा तय किए जाते हैं. इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर तय किया जाता है ताकि उन्हें बाजार को Big shaking से बचाया जा सके. बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है. ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है.
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