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Monday, September 7, 2020

Vodafone Idea new brand Vi

 Vodafone Idea  वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone and Idea) अब Vi बन गई है। कंपनी ने आज इसकी घोषणा की। कंपनी ने साथ ही टैरिफ बढ़ाने का भी संकेत दिया है।

वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया (Vodafone and Idea) अब Vi बन गई है। कंपनी ने आज अपनी रिब्रांडिंग की घोषणा की। इस कंपनी का मालिकाना हक ब्रिटेन की वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास है। जियो के आने के बाद दोनों कंपनियों ने आपस में विलय कर दिया था और वोडाफोन आइडिया नाम से कंपनी अस्तित्व में आई थी। कंपनी ने अब टैरिफ में भी बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। 

कंपनी के सीईओ रविन्दर टक्कर ने Vi नए ब्रांड को लांच करते हुए कहा वोडाफोन और आइडिया का विलय दो साल पहले हुआ था। हम तबसे दो बड़े नेटवर्क, हमारे लोगों और एकीकरण प्रक्रिया की दिशा में काम कर रहे थे। आज Vi ब्रांड को पेश करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है।' कंपनी के सीईओ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि कंपनी पहले कदम के तौर पर टैरिफ में बढ़ोतरी के लिए तैयार है। नए टैरिफ कंपनी वृद्धि में मदद मिलेगी ARPU । यह अभी 114 रुपये है जबकि एयरटेल और जियो का ARPU से प्रत्येक 157 रुपये और 140 रुपये है।

स्थापित किए नए बेंच मार्क आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि 1990 के दशक के मध्य से अपने कई अवतार में Vodafone and Idea ने अलग-अलग रहकर इस सेक्टर की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई। बिड़ला ने कहा कि Vodafone and Idea ने नेटवर्क एक्सपीरियंस, रूरल कनेक्टिविटी, कस्टमर सर्विस और एंटरप्राइज मोबिलिटी सॉल्यूशंस में नए बेंचमार्क स्थापित किए हैं।

कंपनी की आज की घोषणाओं पर यूजर्स से लेकर शेयरधारकों तक की निगाहें लगी हुई थीं। Vodafone and Idea ने इस बारे में शेयर बाजारों को यह जानकारी दी थी। वित्तीय संकट के कारण देश के कड़े प्रतिस्पर्धा वाले टेलीकॉम बाजार में कंपनी अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। यही वजह है कि आज की घोषणाओं पर पूरी इंडस्ट्री की भी नजर थी।

निवेश की अटकलेंइससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थी कि अमेरिकी की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन और वेरिजॉन (Verizon) वोडाफोन आइडिया में 4 अरब डॉलर तक निवेश कर सकती हैं। हालांकि वोडाफोन और आइडिया ने इन खबरों को खारिज कर दिया था। कंपनी ने कहा उसके निदेशक मंडल के समक्ष वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

कंपनी के बोर्ड ने हाल में इक्विटी शेयर जारी करके या ग्लोबड डिपोजिटरी रिसीट, अमेरिकन डिपोजिटरी रिसीट, फॉरेन करेंसी बॉन्ड्स, कंवर्टिबल डिबेंचर्स के जरिए 25,000 दस लाख रुपये जुटाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी थी। इससे नकदी संकट में फंसी VIL को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। Jio के आने के बाद से कंपनी के Subscribers की संख्या में लगातार कमी आ रही है। साथ ही इसके एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) में भी कमी आई है।

वोडाफोन और आइडिया लिमिटेड को उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल आय (AGR) के भारी भरकम बकाये को चुकाने के लिए दस साल का वक्त दिया है। इसका 10 प्रतिशत कंपनी को चालू वित्त वर्ष में और बाकी का 10 किस्तों में अगले 10 साल में चुकाना है। वोडाफोन और आइडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का AGR बकाया है। इसमें से 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक कंपनी कर चुकी है।

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